हिंदी टेलीविजन और फिल्म जगत से एक और दुःखद खबर सामने आई है। Dheeraj Kumar, जो ‘ओम नम: शिवाय’ जैसे लोकप्रिय धारावाहिक के निर्देशक और निर्माता के रूप में पहचाने जाते हैं, अब हमारे बीच नहीं रहे। 80 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
दैनिक जागरण के अनुसार बीते कुछ दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी। उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिवार के अनुसार, उन्हें निमोनिया हो गया था और 12 जुलाई को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें ICU में शिफ्ट किया गया था। काफी कोशिशों के बाद भी डॉक्टर उनकी हालत को संभाल नहीं पाए और 15 जुलाई को उनका निधन हो गया।
उनकी मौत की खबर सामने आते ही फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। कई कलाकारों और तकनीशियनों ने सोशल मीडिया पर शोक जताया और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
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1. धीरज कुमार: एक कलाकार से निर्माता तक का सफर
Dheeraj Kumar का असली नाम दीपक कोटलवाल था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर अभिनेता की थी और धीरे-धीरे निर्देशन और प्रोडक्शन की दुनिया में कदम रखा।
1970 के दशक में उन्होंने बतौर अभिनेता कुछ फिल्मों में काम किया। ‘दीदार’ उनकी पहली फिल्म मानी जाती है। इसके बाद वह ‘रोटी कपड़ा और मकान’, ‘हीरा पन्ना’, ‘क्रांति’ जैसी फिल्मों में नजर आए।
एक्टिंग के साथ-साथ उन्होंने पंजाबी फिल्मों में भी अहम रोल निभाए। 1970 से 1984 के बीच उन्होंने करीब 21 पंजाबी फिल्मों में अभिनय किया, जो उस समय में एक बड़ी संख्या मानी जाती थी।
2. टेलीविजन में खास पहचान
Dheeraj Kumar ने एक्टिंग में खुद को साबित करने के बाद टेलीविजन की ओर रुख किया। 1990 के दशक में जब भारतीय टेलीविजन पर धार्मिक और सामाजिक सीरियल्स का दौर शुरू हुआ, तब धीरज कुमार एक नए रूप में सामने आए।
1997 में दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ उनका माइथोलॉजिकल टीवी शो ‘ओम नम: शिवाय’ दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय रहा। इस धारावाहिक ने भारतीय घरों में अलग ही जगह बना ली थी।
Dheeraj Kumar, a man with a gentle heart n childlike innocence. I still remember his stories he shared from his initial years, always with the intent to inspire us. You'll forever remain in our memories. May Mahadev bless your soul with eternal peace.
— Niraj K Mishra (@arf_nkm) July 15, 2025
ॐ नमः शिवाय.. ॐ शान्ति🙏🙏 pic.twitter.com/c6NG1781aP
इस शो में भगवान शिव की कथाओं को बहुत सरल और भावनात्मक ढंग से दिखाया गया था। Dheeraj Kumar की निर्देशन शैली को उस वक्त के दर्शकों ने काफी पसंद किया। आज भी जब ये शो दोबारा प्रसारित होता है तो दर्शकों की यादें ताजा हो जाती हैं।
3. ‘ओम नम: शिवाय’ ही क्यों बना यादगार?
‘ओम नम: शिवाय’ को सिर्फ धार्मिक धारावाहिक के तौर पर नहीं देखा गया। उसमें भारतीय संस्कृति, भक्ति और पारिवारिक मूल्यों को जिस सहजता से दिखाया गया, वह किसी भी शो के लिए आसान नहीं होता।
Dheeraj Kumar ने स्क्रीनप्ले, संवाद और संगीत पर काफी मेहनत की थी। उन्होंने कलाकारों के चयन में भी बहुत ध्यान दिया और इसलिए ही यह शो कई सालों तक दर्शकों के दिलों में बना रहा।
आज भी जब लोग पुराने सीरियल्स की बात करते हैं, तो ‘ओम नम: शिवाय’ का जिक्र जरूर होता है। ये उनकी सबसे बड़ी पहचान बन गई थी।
4. निजी जीवन और आखिरी समय
Dheeraj Kumar पब्लिक लाइमलाइट से हमेशा थोड़े दूर ही रहते थे। वह एक शांत स्वभाव के इंसान थे और अपने काम को प्राथमिकता देते थे।
हाल ही में उन्हें नवी मुंबई के इस्कॉन मंदिर में देखा गया था, जहां वे अपने परिवार के साथ दर्शन करने गए थे।उनकी तबीयत कुछ समय से ठीक नहीं थी। 12 जुलाई को जब उनकी हालत और बिगड़ी, तो उन्हें तुरंत कोकिलाबेन अंबानी हॉस्पिटल ले जाया गया।
वह कुछ समय तक ICU में रहे लेकिन 15 जुलाई की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं, जो इस समय गहरे सदमे में हैं।
5. फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में शोक
Dheeraj Kumar के निधन की खबर के बाद कई बड़े एक्टर्स, डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स ने सोशल मीडिया पर दुख जताया।
टीवी एक्ट्रेस गौरव खन्ना ने लिखा – “धीरज जी के साथ काम करने का मौका मिला था, वह एक बेहद सरल और गाइड करने वाले इंसान थे।”टीवी निर्माता राजन शाही ने कहा – “हमने एक मार्गदर्शक खो दिया है।
उनके जैसे लोग इंडस्ट्री में बहुत कम होते हैं।”इतना ही नहीं, दूरदर्शन के आधिकारिक पेज से भी उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। लोगों ने कमेंट्स में लिखा कि “ओम नम: शिवाय के हर एपिसोड में उनकी आत्मा बसती है।”
6. धीरज कुमार की विरासत
Dheeraj Kumar भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उन्होंने जो काम किया, वह हमेशा याद रहेगा। उन्होंने सिखाया कि कैसे किसी धार्मिक कहानी को भावनाओं के साथ पेश किया जाए, कैसे कम संसाधनों में भी बड़ा प्रभाव छोड़ा जा सकता है।
उनका काम आने वाले टेलीविजन निर्देशकों और प्रोड्यूसर्स के लिए एक उदाहरण है।उन्होंने न केवल एक सफल करियर जिया, बल्कि अपनी सादगी, अनुशासन और कला के प्रति लगन से लोगों के दिलों में खास जगह बनाई।
7. अंतिम संस्कार और अंतिम विदाई
Dheeraj Kumar का अंतिम संस्कार 15 जुलाई की शाम को मुंबई में उनके घर के पास स्थित श्मशान घाट में किया गया।
इस दौरान परिवार, रिश्तेदार और कुछ पुराने सहकर्मी मौजूद थे। उनके अंतिम दर्शन के लिए कुछ टीवी कलाकार भी पहुंचे।
परिवार ने सभी से अनुरोध किया है कि वे उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें और उनकी यादों को सहेज कर रखें।
8. निष्कर्ष
Dheeraj Kumar जैसे लोग इंडस्ट्री में बार-बार नहीं आते। उन्होंने अपने पूरे जीवन में कला को सिर्फ करियर नहीं, बल्कि सेवा के रूप में देखा।
उनका योगदान सिर्फ ‘ओम नम: शिवाय’ तक सीमित नहीं था, बल्कि उनके द्वारा दिखाए गए आदर्श और अनुशासन आज भी सीखने लायक हैं।
इस कठिन समय में हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनकी आत्मा को शांति मिले और उनका परिवार इस दुःख की घड़ी में हिम्मत से आगे बढ़े।
ॐ शांति।
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